परिभाषा
आज हम पैसे कमाने के उस फॉर्मूले के बारे में जानेगे, जिससे की आप अपना बैंक बैलेंस बढ़ा सकते है और वह फार्मूला है :-Income>Expenses
यदि आप को भी अमीर आदमी बनना है, तो आप को अपनी कुल आमदनी, आपके कुल खर्चो से हमेशा ज्यादा रखनी होगी। अकाउंट की भाषा मे कहे तो,
Assets>Liability
आपके कुल एसेट्स आपके कुल खर्चो से हमेशा ज्यादा होना चाहिए और इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा की आप कितना भी कमाते हो परंतु उसमे से कितना और कहा खर्च करते हो, ये जरूरी है।
अब एसेट्स और लायबिलिटी को हम विस्तार से समझते है।
1) Assets :- वे साधन जिनसे आप पैसे कमा सकते है या उन्हे बेचकर पैसे बना सकते है।
Example:-
1)Fix Property
2)Rental Property
3)Businesses
4)Shops
5)Inventory
6)Machinery's/Tools
7)FD/Bonds
8)Stocks
9)Bank Balance
10)Patents
11)Trademarks
12)Gold
13)Insurance
2) Liability :- वे साधन जिनसे आप के पास के पैसे सिर्फ खर्च होते है।
Example:-
1)Loan
2)Credit Cards
3)Home Rent
4)Electricity Bill
5)Car
6)Cases in Court
7)Income Tax
8)Mobile Bill
9)DTH Bill
10)Branded Dress
11)Tour & Travels
12)Party's
एक अमीर आदमी हमेशा पहले अपने एसेट्स बनाता है उसके बाद वह अपनी लायबिलिटी पर खर्च करता है। जिससे वह अमीर से और अमीर होते जाता है। परंतु एक मध्यम वर्ग का आदमी हमेशा अपने पैसे पहले अपनी लायबिलिटी पर खर्च करता हे, जिससे उसकी लायबिलिटी तो तेज़ी से बढ़ती जाती है और आमदनी कम पड़ने लगती है जिससे उसके अमीर बनाने का सपना पूरा नहीं हो पाता।
इसलिए हमारे बुजुर्गो ने कहा है "जितनी चादर, उतने ही पैर पसारना चाहिए। "
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Nice
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