Sunday 17 May 2020

#33 Kitchen Garden & Gardening tips || कम जगह मे सब्जिया उगाने के तरीके ||


Kitchen Garden



फल-सब्जियों में मिलावट और बढ़ते प्रदूषण की खबरों से परेशान लोग अब खुद अपने घर में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं ताकि उनके परिवार को शुद्ध सब्जिया मिल सके। इस समस्या के समाधान के लिए आप अपने घर के आँगन, छत, बाल्कनी जैसी जगह पर गार्डन बना सकते है । यह Kitchen Garden कहलाते है । 

इससे क्या लाभ :-

1)अपने घर के लिए ओर्गेनिक सब्जिया उगाई जा सकती है।
2)गर्मियों मे छत के तापमान को कम किया जा सकता है।
3)घर के वेस्टेज पानी का उपयोग किया जा सकता है ।
4)प्रदूषण की रोकथाम मे अपना छोटा सा योगदान दिया जा सकता है।
5)खाली समय मे बागवानी करके मन को खुश रखा जा सकता है ।


बागवानी करने के लिए आवश्यक सामाग्री :-

1)Gardening Pot
2)Wall Hanging Pots
3)Round Plastic Gardening Bag
4)Box Type Plastic Gardening Bag
5)Organic Compost-1KG
6)Gardening Tools
7)Gardening Cutter
8)Spray Bottle
9)Watering Can
10)UV Stabilized Agro Shade Nets


कैसे करें शुरुआत


  • अगर आपके पास जमीन है तो क्यारी के लिए जमीन को 70-75 सेंटीमीटर गहरा खोदकर मिट्टी बाहर निकाल लें और 2-3 दिनों तक धूप में खुला छोड़ दें। इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े और फफूंद खत्म हो जाएंगे।
  • अगर आप छत पर किचन गार्डन बनाना चाहते हैं तो वहां पर एक तय एरिया में पॉलीथिन बिछाकर ईंटों से घेरकर क्यारी बना लें। पॉलीथिन में कुछ छेद कर दें ताकि ज्यादा पानी बाहर निकल जाए।
  • अगर आपके पास जमीन या छत नहीं है तो आप बालकनी में भी अपना किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। ध्यान रखें कि जिस बालकनी में धूप आती हो, वहीं पर किचन गार्डन बनाएं।
  • अगर जगह की बहुत दिक्कत है तो आप पौधों के लिए स्टैंड भी तैयार करा सकते हैं। करीब 4 फुट चौड़े और 5 फुट चौड़ा स्टैंड 14-15 हजार रुपये में तैयार हो जाता है। इसमें सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं।
  • छोटे और चौड़े गमले, प्लास्टिक की ट्रे, पुरानी बाल्टी, टब, खाली ड्रम आदि को भी सब्जियां लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मिट्टी के गमलों को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इनमें हवा आर पार होती है। हालांकि इनके टूटने का खतरा होता है। सीमेंट के गमले या तारकोल के ड्रम आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। प्लास्टिक के गमलों से बचें क्योंकि इनमें हवा न आने से पौधों का पूरा विकास नहीं होता। गमलों पर केमिकल पेंट की जगह गेरू का इस्तेमाल कर सकते हैं। छोटे पौधों को 8 इंच, मझोले पौधों को 10 इंच और बड़े पौधों को 12 इंच के गमलों में रखें तो बेहतर होगा।
 Kitchen Garden & Gardening tips



मिट्टी कैसे तैयार करें

  • आमतौर पर क्यारी या गमलों की तैयारी सितंबर के आखिर और फरवरी के शुरू तक करनी चाहिए। यह बुवाई के लिए सही वक्त है।
  • मिट्टी खेतों से मंगाएं या फिर पार्क आदि से भी ले सकते हैं। अगर मिट्टी में कीड़े हैं तो वर्मी कंपोस्ट यानी केंचुए की खाद मिलाएं। मिट्टी तैयार करते हुए 2 हिस्से मिट्टी, 1 हिस्सा गोबर की सूखी खाद और 1 हिस्सा सूखी पत्तियों का रखें। इन्हें अच्छी तरह मिला लें। थोड़ी-सी रेत भी मिला लें।
  • तैयार मिट्टी को अच्छी तरह मिलाकर क्यारी में भर दें। क्यारी को ऊपर से करीब 15 सेंमी खाली रखें। इसी तरह गमलों को तैयार करें।
  • तैयार मिट्टी को गमलों में भरने से पहले गमले के बॉटम में (जहां पानी निकलने की जगह बनी होती है) पॉट के टूटे हुए टुकड़े या छोटे पत्थर रखें, ताकि पानी के साथ मिट्टी का पोषण बाहर न निकले। गमले का एक तिहाई हिस्सा खाली रहना चाहिए, ताकि पानी डालने पर इसमें ऊपर से मिट्टी और खाद बाहर बहकर न निकले।
  • फिर मिट्टी में बीज लगाएं। जब भी कोई बीज रोपें, इसे इसके आकार की दोगुना मोटी मिट्टी की परत के नीचे तक ही भीतर डालें वरना अंकुर फूटने में लंबा वक्त लगेगा और कोंपल के बाहर आने में हफ्तों लग जाएंगे। मिट्टी डालने के बाद हल्का पानी डाल दें। इसके बाद गमलों को कागज से ढक दें ताकि पक्षी बीजों को न निकाल पाएं। अंकुर निकलने के बाद कागज को हटा लें। अगर पौधों को दूसरे गमले में लगाना है तो शाम या रात को यानी ठंडे वक्त पर ट्रांसफर करें और तब करें, जब पौधों में 4-6 पत्तियां आ चुकी हों।

नोट:- मिट्टी तैयार करते हुए उसमें अगर नीम की सूखी पत्तियां डाल दें तो कीड़े नहीं लगेंगे। इसी तरह अगर पौधों में केंचुए नजर आएं तो उन्हें मारे या फेंकें नहीं। ये पौधों के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

बीज कहां से लें


  • फल या सब्जियां उगाने के लिए हमेशा नैचरल ब्रीडिंग वाले बीजों का इस्तेमाल करें, न कि हाइब्रिड बीजों का।
  • बीज पड़ोस की नर्सरी या बीज की दुकान से खरीद सकते हैं लेकिन किसी सरकारी संस्थान या ऐसी जगह से लेना बेहतर है, जिसे अच्छे बीजों के लिए जाना जाता है। 

नोट:- प्याज, टमाटर, गोभी, बैंगन, गोभी आदि के पोधे भी नर्सरी से लाकर लगा सकते हैं।

कौन-से फल-सब्जियां लगाएं


  • शुरुआत में आसानी से उगने वाली सब्जियां या फल उगाकर आप धीरे-धीरे गार्डनिंग की तकनीक सीख जाएंगे। आसानी से उगनेवाली सब्जियां हैं: मिर्च, भिंडी, टमाटर और बैंगन आदि है । ये 45 दिनों के भीतर तैयार हो जाती हैं।
  • पालक, बींस, पुदीना, धनिया, करी पत्ता, तुलसी, पुदीना, मेथी, टमाटर और बैंगन जैसी सब्जियां किसी भी पॉट या छोटे गमले में आप बालकनी में आसानी से उगा सकते हैं। करेला और खीरा जैसी सब्जियों की बेलें न सिर्फ आपको फल देंगी बल्कि आपकी बालकनी की खूबसूरती भी बढ़ाएंगी। इनमें 45-50 दिन में सब्जियां आने लगती हैं।
  • एक बार शुरुआत करने पर आप प्याज, आलू, बींस, पत्तागोभी, शिमला मिर्च जैसी तमाम सब्जियां उगा सकते हैं।
  • 70x70 सेंमी वाले ड्रम में आम, केला, अमरूद, नीबू, आडू, अनन्नास जैसे फलों के पौधे भी लगाए जा सकते हैं। इनमें करीब 3 साल में फल आते हैं।
  • फलदार पौधों के लिए आपको इसके कलम (बडिंग) किए हुए पौधे की जरूरत होगी। अमरूद और आम की ऐसी किस्में भी मार्केट में मिल जाएंगी, जो साइज में छोटी होती हैं लेकिन फल भरपूर देती हैं।


कितना पानी, कितनी धूप जरूरी


  • किसी भी पौधे के लिए धूप बहुत जरूरी है। यह नियम सब्जियों के पौधों पर भी लागू होता है। अंकुर फूटते समय बीजों को धूप लगना जरूरी है। ऐसा न करने पर ये आकार में छोटे और कमजोर रह जाएंगे। रोजाना 3-4 घंटे की धूप काफी है लेकिन गर्मियों में दोपहर की कड़ी धूप से पौधों को बचाएं। इसके लिए पौधों के थोड़ा ऊपर एक जालीदार शेड बनवा दें तो बेहतर है।
  • ज्यादा पानी से मिट्टी के कणों के बीच मौजूद ऑक्सिजन पौधों की जड़ों को नहीं पहुंच पाती इसलिए जब गमले सूखे लगें, तभी पानी डालें। मौसम का भी ध्यान रखें। सर्दियों में हर चौथे-पांचवें दिन और गर्मियों में हर दूसरे दिन पानी डालना चाहिए। बारिश वाले और उससे अगले दिन पौधों में पानी देने की जरूरत नहीं होती।
  • पानी सुबह या शाम के वक्त ही देना चाहिए। भूलकर भी तेज धूप में पौधों में पानी न डालें। इससे पौधों के झुलसने का खतरा रहता है।
  • अगर किसी वजह से पौधों को अकेला छोड़कर कुछ दिनों के लिए बाहर जाना पड़े, तो उनके गमलों में पानी ऊपर तक भर दें। गर्मियों में गमलों को किसी टब में रखकर, टब में भी थोड़ा पानी भर दें।
  • अगर 10-15 दिनों के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो जाने से पहले गमले या पॉट में लीचन/मॉस (तालाब में उगने वाले कुछ खास पौधे जो नर्सरी से मिल जाएंगे) को अच्छी तरह बिछा कर पानी डालें। इससे लंबे समय तक पौधों में नमी बनी रहेगी।


खाद कितना मिलाये


  • किसी भी पौधे को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती। आमतौर पर पौधे लगाते समय और दोबारा उनमें फल-फूल या सब्जी आते समय खाद दी जाती है। खाद हमेशा जैविक (ऑर्गनिक) ही इस्तेमाल करें। यह खाद जीवों से बनती है, जैसे गोबर की खाद, पशुओं-मनुष्यों के मल-मूत्र से बनने वाली खाद आदि। इनमें हानिकारक केमिकल्स नहीं होते।
  • नीम, सरसों या मूंगफली की खली भी खाद के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इनमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।
  • किसी अच्छी नर्सरी से ऑर्गेनिक खाद के पैकेट मिल जाते हैं। यह आमतौर पर 40 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलती है।

नोट:- खाद तभी डालें, जब गमलों की मिट्टी सूखी हो। खाद देने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें। इसके बाद ही पानी दें।

खुद तैयार करें खाद


  • कंपोस्ट यानी कूड़े से बनी खाद (आप इसे नर्सरी से खरीद सकते हैं या खुद भी बना सकते हैं), लाल मिट्टी, रेत और गोबर की खाद बराबर मात्रा में मिलाएं। अगर जगह हो तो कच्ची जमीन में एक गहरा गड्ढा खोदें, वरना एक बड़ा मिट्टी का गमला लें। इसके तले में मिट्टी की मोटी परत डालें। इसके ऊपर किचन से निकलने वाले सब्जियों और फलों के मुलायम छिलके और गूदा डालें। अगर यह कचरा काफी गीला है तो इसके ऊपर सूखे पत्ते या अखबार डाल दें। इसके ऊपर मिट्टी की मोटी परत डालकर ढक दें। गड्ढा या गमला भरने तक ऐसा करते रहें। इस मिश्रण के गलकर एक-तिहाई कम होने तक इंतजार करें। इसमें तकरीबन 3 महीने लगते हैं। अब इस खाद को निकालकर किसी दूसरे गमले में मिट्टी की परतों के बीच दबाकर सूखे पत्तों से ढककर रख दें। 15 से 20 दिन में यह खाद इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगी। मिट्टी के साथ मिलाकर सब्जियां और फल उगाने के लिए इसका इस्तेमाल करें। खाली हुए गड्ढे या गमले में खाद बनाने की प्रक्रिया दोहराते रहें।
  • बाजार से सरसों की खली खरीदकर लाएं। खली को पौधों में डालने के लिए इस तरह पानी में भिगोकर रात भर रखें कि अगले दिन वह एक गाढ़े पेस्ट के रूप में तैयार हो जाए। इस पेस्ट को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर इसे अपने गमलों में डालें। मिट्टी और खली का अनुपात 10:1 होना चाहिए यानी 10 किलो मिट्टी में 1 किलो खली मिलाएं। इसे गमलों में डालने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें ताकि खली वाली मिट्टी गमले की मिट्टी के साथ मिल जाए।
  • नाडेप विधि एवं केचुआ खाद विधि से खाद बनाए । 


कीड़े से कैसे निपटें


  • मार्केट में नीम खली या नीम का तेल आता है। पैकेट पर लिखी मात्रा के अनुसार पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें। इससे कीड़े मर जाते हैं।
  • कीड़े मारने की दवा खुद भी तैयार कर सकते हैं। गोमूत्र, गाय के दूध से बनी लस्सी बराबर मात्रा ले लें। फिर इसमें थोड़े-से नीम के पत्ते, आक के पत्ते और धतूरे के बीज कूटकर डाल दें। सर्दियों में 15-20 दिन और गर्मियों में एक हफ्ता छोड़ दें। फिर छान लें और स्प्रे बोतल में भर लें। एक हिस्सा दवा लें और 50 हिस्सा पानी। फिर पौधों पर छिड़काव करें। यह दवा कीड़े मारने के अलावा, फंगस को दूर करती है।



कुछ और टिप्स


  • गमलों या क्यारियों की मिट्टी में हवा और पानी अच्छी तरह मिलता रहे, इसके लिए पौधों की गुड़ाई करना जरूरी है। गमलों की मिट्टी में उंगली गाड़कर देखें। अगर मिट्टी बहुत सख्त है तो गुड़ाई करें। कम-से-कम महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करें।
  • बारिश खत्म होने के बाद हर साल अगस्त-सितंबर में सारे पौधों की जड़ें निकाल दें और उन जड़ों को मिट्टी में ही मिला दें। इसे पौधा बड़ा होता रहेगा लेकिन उसकी जड़ें नहीं फैलेंगी।
  • अंडों और फलों के छिलकों को भी मिट्टी में डाल सकते हैं। इससे पौधों को पोषण मिलता है।



सब्जियां

गर्मियां: करेला, भिंडी, तोरी, टिंडा, लोबिया, ककड़ी आदि। ककड़ी व बैंगन जनवरी के आखिर तक लगा दें, जबकि बाकी सब्जियां फरवरी-मार्च में लगाएं।
सर्दियां: मूली, गाजर, टमाटर, गोभी, पत्तागोभी, पालक, मेथी, लहसुन, बैंगन, मटर आदि। ये सभी सब्जियां अक्टूबर, नवंबर में लगाई जाती हैं।


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1 comment:

  1. Thanks for such useful information on gardening....

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