Saturday 28 December 2019

#13 एक संगठन को सफलतापूर्वक चलाने और तेजी से विस्तार करने के लिए प्रभावी प्रबंधन जरूरी

किसी भी कंपनी या संगठन को सफलता पूर्वक चलाने के लिए उसमे बहुत से लोगो की एक टीम का होना आवश्यक होता है। हर कंपनी या संगठन मे उसका एक संस्थापक भी अवश्य होता है, जो की उस कंपनी या संगठन की नीव रखता है ओर उसके बाद उसमे लोग जुडते जाते है और एक छोटी सी टीम एक बड़ी टीम का रूप ले लेती है, इस टीम मे सभी लोगो के पास अपनी-अपनी एक अलग ज़िम्मेदारी होती है और संस्थापक का काम उन सभी को मार्गदर्शन देना होता है, कभी भी किसी भी संस्थापक का स्वभाव अपनी टीम के साथ मालिकाना हक जताने जैसा नहीं होना चाहिए। ऐसी स्थिति मे टीम के बिखरने की संभावना ज्यादा हो जाती है, ओर उसके बंद होने की संभावना भी ज्यादा हो जाती है।

आइए इसे हम एक उदाहरण लेकर समझते है:-

 
      
एक 20 फीट उच्चा झण्डा है, उसे एक आदमी द्वारा एक पथरीली जमीन पर खड़ा किया जाता है, कुछ देर तक तो उससे सम्भालना आसान होता है परंतु तेज़ हवा के साथ झण्डा असंतुलित होने लगता है, इसलिए वह आदमी कुछ ओर लोगो को अपने कार्य मे सहायता के लिए बुलाता है, और उन्हे झंडे को पकड़ कर संतुलित करने को कहता है, इस तरह 4-5 लोग उस झंडे को पकड़ कर रखते है, जिससे वो झण्डा तेज़ हवा आने पर भी संतुलित बना रहता है, अब कुछ ओर लोग भी उसके इस काम मे मदद के लिए आते है तब वह उन्हे उस झंडे को बिना सहारे के खड़े रहने के लिए एक चबूतरा बनाने का कार्य सोंपता है।


यहा झण्डा किसी कंपनी या संगठन को दर्शाता है। वह आदमी कंपनी का संस्थापक है और उसके साथ जुडने वाले लोग कंपनी या संगठन के सदस्य है।

अब यहा दो स्थिति बनती है:-

1) अगर पहला आदमी उस काम मे स्वम को व्यस्त रखता है और अन्य जुडने वाले लोगो की जरूरत न होने की स्थिति मे, उन्हे किसी अन्य कार्य की ज़िम्मेदारी नहीं दे पता और लोग टीम मे सामिल हुये बिना वहा से चले जाते है ।
2) अगर पहला आदमी उस काम को टीम के अन्य लोगो को सोंपकर अपने आप को मुक्त करके, टीम के नए जुड़े लोगो का मार्गदर्शन करता है ओर उस काम से जुड़ी अन्य गतिविधियो को, नये जुडने वाले लोगो को करने को कहता है, जैसे उस झंडे के लिए कोंक्रीट का चबूतरा बनाना और उसे बनाने मे लगने वाले समान को एकत्र करना आदि ।

पहली स्थिति मे कंपनी या संगठन के संस्थापक की शुरुआत तो अच्छी होती है परंतु उसका कमजोर प्रबंधन होने के कारण कंपनी या संगठन मे नए लोग जुडने की कोशिश तो करते है परंतु उनके लिए कोई ज़िम्मेदारी न होने के कारण वे लोग टीम मे जुड़ नहीं पाते और संस्था मे सीमित लोग ही टीम मे रह जाते है, जिससे संस्था का विस्तार नहीं हो पाता है ।



दूसरी स्थिति मे भी संस्था के संस्थापक की शुरुआत अच्छी होती है परंतु यहा संस्थापक का प्रबंधन मजबूत होता है जिससे वह अपनी जिम्मेदारियो से मुक्त होकर अन्य लोगो का मार्गदर्शक बनता है और नए नए लोगो को नयी नयी जिम्मेदारियो के साथ अपनी टीम मे जोड़ते जाता है। इस तरह सभी लोगो के पास संस्था मे जुड़े रहने का उद्देश्य होता है और संस्था का विस्तार भी तेज़ी से होता है। एक संगठन को सफलतापूर्वक चलाने और तेजी से विस्तार करने के लिए प्रभावी प्रबंधन होना आवश्यक होता है।

अब यहा एक तीसरी स्थिति की भी संभावना होती है जिसमे झण्डा पकड़ने वाले व्यक्ति के पास लोगो को जोड़ने की काबिलियत तो होती है परंतु उसका मार्गदर्शन कमजोर होता है जिससे वह सभी लोगो को उसे पकड़ कर रखने को कहता है जिससे उसे तो सहारा मिलता है परंतु झंडे को नहीं मिलता, ऐसी स्थिति मे अगर वह व्यक्ति झंडे को छोड़ दे तो झण्डा गिर जाएगा। यह स्थिति तब बन सकती है जबकि संस्थापक का मार्गदर्शन गलत हो और उससे जुडने वाले लोग भी उसे बिना सलाह दिये ही उसकी हर बात मानते जाए। ऐसी स्थिति मे संस्थापक के न रहने पर टीम का कोई भी सदस्य कंपनी को संभाल नहीं सकता और कंपनी का बंद होना भी स्वभाभिक है।

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