इस बीमारी का असर न सिर्फ इन्सानो पर पड़ रहा है बल्कि उस देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है, इसका प्रमाण ज़्यादातर देशो के गिरते शेयर बाज़ार से भी मिलता है । अभी की स्थिति मे सभी देशो ने अपनी अपनी इंटरनेशनल बार्डर को सील कर लिया है, जिससे एक देश से दूसरे देश मे जो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का व्यापार था वह तो कुछ समय के लिए रुक गया है और यह कब तक रुका रहेगा इसका अंदाज़ा भी किसी को नहीं है ।
सरकार ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कुछ सराहनीय कदम भी उढ़ाये है, जिसमे भीड़ इकठ्ठा होने वाले स्थानो को कुछ समय के लिए बंद कर दिया है, जैसे -सिनेमा हाल, शॉपिंग मॉल, प्ले ग्राउंड, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, स्कूल, कॉलेज, इत्यादि । साथ ही यह निर्देश भी दिये है की यदि नागरिकों को बहुत ज्यादा जरूरी न हो तो बस, ट्रेन एवम फ्लाइट की यात्रा न करे। लेकिन फिर भी करना ही पड़े, तो लोगो से कम से कम संपर्क बनाए और बार बार अपने आप को सेनेटईज़ करते रहे, साथ ही चेहरे पर मास्क जरूर लगाए ।
इस तरह की स्थिति से सभी तरह के बाज़ारो से ग्राहक कम हो गए है और पैसे का लेनदेन बहुत कम हो गया है । लोगो के व्यापार मे मंदी आना शुरू हो गयी है । और यह स्थिति अगर ज्यादा दिन रही तो इसके दुष्प्रभाव किस तरह के व्यापारियो और आम लोगो पर पड़ेगा, यह जनने की कोशिश करते है :-
इम्पोर्ट - एक्सपोर्ट से जुड़ा व्यावसाए :- हम सभी जानते है की एक देश से दूसरे देश मे कोई भी समान भेजने के लिए या तो समुद्री मार्ग, या सड़क मार्ग, या वायु मार्ग का उपयोग किया जाता है, समुद्री मार्ग जिसका स्रोत पानी के जहाज होते है, और समुद्री पोर्ट उनका रुकने का स्थान होता है । अब यदि किसी देश ने अपने सभी पोर्ट से जहाजो की आवाजही बंद कर दी है तो उस देश मे किसी भी तरह का सामान, सरकार के अगले आदेश तक नहीं पहुचाया जा सकता है, और न ही वहा से कोई सामान आ सकता है इस स्थिति मे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट से जुड़े व्यावसाए को भारी नुकसान उठाना पड सकता है । इसका दूर दूर तक असर कैसे पड़ेगा यह समझते है :-
- सामान की डिलीवेरी न होने से ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगो के काम मे कमी आएगी,
- ट्रक ड्राईवर खाली बैठे मिलेंगे।
- लोडिंग-उनलोडिंग से जुड़े मजदूरो को रोजगार नहीं मिलेगा ,
- सामान की डेलीवेरी न होने से कारखानो मे स्टॉक बढ़ता जाएगा और उनका प्रॉडक्शन रुक जाएगा, जिससे आस्थाई मजदूरो का रोजगार खतरे मे आ सकता है ।
- कच्चा माल न होने से कुछ कारखानो को कुछ समय के लिए बंद भी करना पड़ सकता है ।
शॉपिंग से जुड़े व्यवसाए :- ज़्यादातर देशो मे शॉपिंग मॉल और साप्ताहिक बाज़ार बंद कर दिये गए है। जिसकी बजह से इन स्थानो से रोजगार पानेवाले लोगो को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही बाज़ार मे उपलब्थ कुछ समय की वेध्यता वाले खाने-पीने के सामानो के खराब होने से भी व्यापारियो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
फिल्म से जुड़े व्यवसाए :- मनोरंजन से ज्यादा लोगो की सुरक्षा जरूरी है इसी बात को ध्यान मे रखते हुये सरकार ने सभी सिनेमा घरो को कुछ समय के लिए बंद करा दिया है इस बजह से फ़िल्मकारों ने भी अपनी अपनी फिल्मों की शूटिंग रोक दी है, और अपनी टीम के लोगो से अपील की है की वे घर पर ही रहे और स्थिति सामान्य होने का इंतजार करे ।
खेल कूद के आयोजन:- सभी देशो ने राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय खेलो के आयोजनो पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है, इस बजह से पहले से सुनियोजित क्रिकेट मैच, फूटबोल मैच, ओलेम्पिक, इत्यादि को रद कर दिया गया है, जिसका नुकसान खेल के आयोजको को उढ़ाना पड़ रहा है, और आम लोगो ने भी अपनी सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुये खेलने से ज्यादा अपना समय घर मे बिताना शुरू कर दिया है, इस बजह से ज़्यादातर प्ले ग्राउंड खाली नजर आने लगे है।
धार्मिक स्थानो का बंद होना:- आप सभी जानते है सबसे ज्यादा भीड़ मंदिर, मस्ज़ित, गुरुद्वारों, चर्च आदि मे होती है और जहा ज्यादा भीड़ होगी वहा कोरोना वाइरस फेलने का खतरा भी उतना ही बढ़ सकता है इसलिए धार्मिक स्थानो के ट्रस्टियो ने भी कुछ समय के लिए इन सभी स्थानो को बंद रखने का निर्णय लिया है, इससे वहा मोजूद दुकानदारो को मंदी का सामना करना पड़ रहा है, इससे वहा चलने वाले भंडारे, एवं लंगर को भी बंद कर दिया गया है ।
पर्यटन स्थानो का बंद होना :- हर देश मे पर्यटन से बहुत आमदनी होती है परंतु यदि उसे भी अगर बंद कर दिया जाए तो सरकार के साथ साथ आम जनता को भी बहुत नुकसान होता है जैसे टुरिस्ट गाइड, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट, होटल, रेस्टोरेंट्स इत्यादि सभी इससे प्रभावित होते है और यह प्रभाव कोरोना वाइरस के पूरी तरह से खतम होने तक रहेगा।
इसलिए सभी लोगो को देश के इस आपातकाल को समझे की जरूरत है और घर से बाहर निकले बिना देश को इस बीमारी के जाल से बाहर निकालने मे सहयोग देने की जरूरत है।
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